
भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर अड़ेे जगद्गुरु परमहंसाचार्य को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया। उन्होंने एलान किया था कि यदि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित न किया गया तो वे दो अक्तूबर को गांधी जयंती वाले दिन दोपहर 12 बजे सरयू में जलसमाधि ले लेंगे। उनकी इस घोषणा के बाद प्रशासन में हलचल तेज हो गई थी। पुलिस ने एक अक्तूबर की रात से ही उनके आवास पर पहरा लगा दिया था। शनिवार को पुलिस के सख्त पहरे की वजह से उन्होंने जलसमाधि का कार्यक्रम टाल दिया है। अब उन्होंने नवंबर 2023 में दिल्ली में आमरण अनशन का एलान किया है।
परमहंसाचार्य विगत 18 महीने से भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने पिछले वर्ष इस मांग को लेकर आमरण अनशन भी किया था। इसके बाद एलान किया कि यदि गांधी जयंती, दो अक्तूबर 2021 तक भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया तो वे सरयू में जल समाधि ले लेंगे। इसे लेकर उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र भी भेज रखा है। अपने एलान के अनुसार ही वे गांधी जयंती पर अपनी मांग को लेकर सरयू में जलसमाधि लेने की तैयारी में ही थे, उससे पूर्व पुलिस प्रशासन ने उन्हें बीती रात से ही हाउस अरेस्ट कर दिया। शनिवार की सुबह से ही उनके आश्रम तपस्वी छावनी पर उनके समर्थकों का जमावड़ा शुरू हो गया। जागो तो हिंदू एक बार जागो.. हिंदुस्तान की यही पुकार हिंदू राष्ट्र, हिंदू राष्ट्र.. हम लेके रहेंगे हिंदू राष्ट्र.. महाराज जी तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं.. जैसे नारों के बीच परमहंस के समर्थक हुंकार भरते दिखे। इस बीच हिंदू समाज पार्टी की अध्यक्ष स्वर्गीय कमलेश तिवारी की पत्नी किरन तिवारी भी अपने समर्थकों के साथ पहुंची।
इसके अलावा भी कई हिंदू संगठनों के लोग परमहंस के समर्थन में नारेबाजी करते रहे। इस बीच एसपी सिटी विजयपाल सिंह, सीओ अयोध्या राजेश राय, कोतवाल अशोक सिंह भारी पुलिस बल के साथ आश्रम पर डटे रहे। दोपहर 12 बजे के कुछ देर पहले जब काफी देर तक परमहंस ने दरवाजा नहीं खोला तो प्रशासन के हाथपांव फूल गए। प्रशासन ने किसी तरह दरवाजा खुलवाया, परमहंस को सकुशल पाकर राहत की सांस ली। तय समय 12 बजे के बाद जब पुलिस ने उन्हें कमरे से बाहर नहीं निकले दिया तो उनके समर्थकों का भी जोश ठंडा होता रहा।
प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद माने परमहंसाचार्य
प्रशासनिक हस्तक्षेप के चलते शाम होते-होते परमहंसाचार्य भी मान गए। उन्होंने कहा कि फिलहाल जलसमाधि का निर्णय बदल दिया गया है। कहा कि चूंकि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए कुछ समय चाहिए इसलिए प्रशासन के निवेदन पर उन्होंने सरकार को 2023 तक का समय दिया है। यदि इस बीच सरकार हिंदू राष्ट्र को लेकर कोई निर्णय नहीं लेती है तो वे दिल्ली के रामलीला मैदान में 7 नवंबर 2023 से आमरण अनशन प्रारंभ करेंगें।