
हिमाचल में सोमवार 30 जून को चार जिलों कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और मंडी में रेड और अन्य क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, रामपुर उपमंडल के अंतर्गत सरपारा पंचायत में रात करीब दो बजे अचानक बादल फटने से सिकासेरी गटूला जगह पर काफी नुकसान हुआ है। बादल फटने से राजेंद्र कुमार पुत्र पलस राम का दो कुटार, एक कमरा, एक किचन सहित अन्य सारा सामान मलबा आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं, विनोद कुमार का एक खूड एक गाय और गोपाल सिंह का एक खूड और गाय बह गई है। बादल फटने की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है और नुकसान का आंकलन करने में जुटी है। प्रशासन की ओर से तहसीलदाल रामपुर ने बताया बादल फटने की सूचना मिलते ही राजस्व टीम को मौके पर भेज दिया है। नुकसान आंकलन करके रिपोट तैयार करने के बाद उच्च अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।
#WATCH | Kullu, Himachal Pradesh | IMD issues a yellow alert for Kullu as the state continues to receive heavy rainfall. pic.twitter.com/A71nfgEyML
— ANI (@ANI) June 30, 2025
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से जारी रेड अलर्ट को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इन चारों जिलों के उपायुक्तों को सोमवार को स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के निर्देश जारी किए हैं। वहीं, खराब मौसम को देखते हुए मनाली और बंजार उपमंडल में भी आज स्कूल व अन्य शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। इस बारे में अधिसूचना जारी की है। वहीं, सिरमौर और कांगड़ा में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। बता दें कि 5 जुलाई तक प्रदेश में यलो अलर्ट जारी किया गया है।
मानसून की पहली भारी बारिश से राजधानी में भारी तबाही हुई है। शहर के कई इलाकों में भूस्खलन और डंगे दरकने से छह मकानों को खतरा पैदा हो गया है। मलबे और पेड़ ढहने से छह गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। पेयजल परियोजनाओं में गाद से शहर के लिए पानी की आपूर्ति ठप हो गई है।
शनिवार रात से जारी भारी बारिश के कारण शहर के मैहली में रविवार तड़के सुबह 3:00 बजे हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में भूस्खलन हो गया। इससे दो सरकारी आवासों को खतरा पैदा हो गया है। इनकी नींव पर लगा डंगा पूरी तरह से धंस गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार इन भवनों के निचली ओर एक निजी प्लॉट पर भवन निर्माण का काम चल रहा था। इसकी खोदाई के चलते पहाड़ी के ऊपरी तरफ बने इन आवासों का डंगा बारिश से दरक गया। अब यहां तिरपाल लगा दिए गए हैं। बारिश से भवनों की नींव पर लगा डंगा और दरकने का खतरा है।