
आकाश में उन्मुक्त उड़ने वाला पंछी, उसने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा था। वह अपने पंख फैलाए केवल आसमां की ऊंचाईयां नापते हुए हवा से बातें करता था। मगर उसे मालूम नहीं था कि उसकी उड़ान पर किसी सनकी शिकारी की सनक सवार है। ऐसी सनक जिसने आजाद पंछी को पलभर में ही एयर गन से मौत के घाट उतार दिया। प्रयागराज से सातताल घूमने आए सैलानियों का दल यह एक था जिसकी नजर संरक्षित प्रजाति के चित्तीदार पक्षी (स्पॉटेड डव) पर पड़ गई। उनमें से एक पर्यटक ने एयर गन से पक्षी पर निशाना साध और उसे जमीन पर गिरा दिया।
सातताल स्टेट क्षेत्र के गरुणताल के पास कुछ सैलानी मंगलवार को एयर गन लिए घूमने पहुंचे। इसी बीच एक पर्यटक ने स्पॉटेड डव चिड़िया का शिकार कर दिया। इधर पक्षी का शिकार होने की सूचना पर भड़के स्थानीय लोगों ने सैलानियों को घेर लिया और वीडियो बनाकर वन विभाग को घटना के बारे में बताया। मौके पर पहुंची टीम सैलानियों को वन चौकी ले गई जहां उनके बयान दर्ज किए गए।
वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी ने कहा कि सातताल बर्ड वॉचिंग क्षेत्र है। इस तरह संरक्षित प्रजाति के पक्षियों का शिकार नहीं किया जा सकता। बताया कि इस मामले में प्रयागराज निवासी अमित सेमुअल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
संरक्षित प्रजाति की है स्पॉटेड डव
रेंजर विजय मेलकानी ने बताया कि जिस चिड़िया का एयर गन से शिकार किया गया है, वह संरक्षित प्रजाति की शेड्यूल सेकेंड में आने वाली स्पॉटेड डव है। यह भारत की ही संरक्षित प्रजाति की चिड़िया है। इसे हिंदी में फाख्ता, पंडुक या चित्तीदार कबूतर भी कहा जाता है। इस मामले में आरोपी के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (डब्ल्यूपीए) के तहत कार्रवाई की गई है।
बर्ड वॉचिंग के लिए जाना जाता है सातताल
सातताल पर्यटन स्थल के साथ ही बर्ड वॉचिंग के लिए भी जाना जाता है। यहां के घने जंगलों में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं जिन्हें देश-विदेश के पक्षी प्रेमी कैमरों में कैद करते हैं। इसके चलते यहां वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम हैं। पक्षी प्रेमी डॉ. आशीष बिष्ट, विक्रम कंडारी ने बताया कि सातताल को पक्षियों का घर भी कहा जाता है। शिकार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
सातताल स्टेट के गरुणताल के पास प्रयागराज निवासी अमित सेमुअल को संरक्षित प्रजाति की स्पॉटेड डव चिड़िया का शिकार करने पर गिरफ्तार किया गया है। अमित के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। -ममता चंद, एसडीओ, नैनीताल वन प्रभाग