इंडिगो एयरलाइन में परिचालन संकट को दूर कर हालात सामान्य करने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन संकट लगातार छठे दिन जारी है और रविवार को भी देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर 650 उड़ानें रद्द हुईं। इंडिगो में जारी संकट के चलते बीते छह दिनों में करीब 3000 उड़ानें रद्द हुई हैं, जिससे देश में हवाई यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और लाखों यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। अब सरकार ने इंडिगो के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की तैयारी कर ली है।
सरकार ने इंडिगो को जारी किया कारण बताओ नोटिस
डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और सीओओ और अकाउंटेबल मैनेजर पोर्केरास को शनिवार को डीजीसीए ने कारण बताओ नोटिस जारी कर परिचालन संकट पर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है। डीजीसीए ने नोटिस में कहा है कि बड़े पैमाने पर परिचालन योजना बनाने की असफलता और संसाधन प्रबंधन की चूक दिखाई देती है।
नोटिस में कहा गया है कि इंडिगो में जारी संकट का मुख्य कारण नए एफडीटीएल नियमों को लागू करने के लिए सही इंतजाम न करना है, ऐसे में एयरलाइन के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। इंडिगो के परिचालन में लगातार पांचवें दिन रुकावट जारी रहने पर, नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने शनिवार को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ और पीटर एल्बर्स के साथ बैठक की और हालात की समीक्षा की। बैठक में इंडिगो के सीईओ से यह भी पक्का करने को कहा गया कि एयरलाइन एक तय समयसीमा में नए एफडीटीएल नियमों का पालन करे।
रविवार को इंडिगो की 650 उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। इंडिगो अपनी रोजाना संचालित होने वाली 2300 उड़ानों में से 1650 का संचालन कर रही है। इससे पहले शुक्रवार को इंडिगो की करीब 1,600 उड़ानें रद्द हुईं। हालांकि शनिवार को रद्द उड़ानों की संख्या घटकर करीब 800 रह गई।








