नैनीताल हाईकोर्ट-  जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी का नामांकन निरस्त करने पर रोक, चुनाव लड़ने की अनुमति

Spread the love

 

 

मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर और जस्टिस अलोक मेहरा की बेंच ने जिला टिहरी के जौनपुर ब्लॉक के लामकाण्डे, भुत्सी से जिला पंचायत सदस्य पद की उम्मीदवार सीता पत्नी संदीप का आरओ की ओर से नामांकन निरस्त किए जाने को गलत ठहराते हुए नामांकन को सही माना। कोर्ट ने सीता को चुनाव चिन्ह आवंटित कर नामांकन पत्र में नाम शामिल करने के निर्देश दिए।

मामले में प्रतिद्वंदी उम्मीदवार सरिता ने शिकायत की थी कि सीता का सहकारी समिति से प्राप्त नो ड्यूस प्रमाणपत्र फर्जी है। याची सीता ने दूसरा प्रमाणपत्र दिया। याची ने कहा कि समिति ने माना कि दोनों प्रमाणपत्र सही हैं फिर भी नामांकन निरस्त कर दिया गया। याची के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि मामले में

 

कोर्ट ने ई मेल से आरओ से शिकायत व जांच रिपोर्ट मंगवाई और सुनवाई और प्रपत्रों के निरीक्षण के बाद सीता देवी का नामांकन सही पाते हुए चुनाव चिन्ह आवंटन और नामांकन पत्र में नाम शामिल करने के निर्देश दिए। नेगी ने कहा कि यह पहली बार है जब चुनाव की प्रक्रिया जारी होने और नामांकन फाइनल हो जाने के बाद कोर्ट ने हस्तक्षेप कर ऐसा निर्णय दिया है। सीता का नामांकन निरस्त होने के बाद सरिता चुनाव में एकमात्र प्रत्याशी बची थी, अब वहां चुनाव होगा।

हाईकोर्ट ने रिटर्निंग अधिकारी की ओर से विशेषज्ञ की राय के बिना प्रमाणपत्र को फर्जी ठहराने की आलोचना करते हुए कहा कि मामले में टेलीफोन से ही उच्च अधिकारी से राय ली जा सकती थी। ऐसा प्रतीत होता है कि निर्वाचन अधिकारी ने दूसरे उम्मीदवार के चुनाव को प्रभावित करने के लिए स्पष्ट रूप से अवैध तरीके से काम किया है। हाईकोर्ट ने कहा कि रद्द की गई सूची पर रोक रहेगी और याची को चुनाव चिह्न आवंटित करने और मतपत्रों में याचिकाकर्ता का नाम शामिल किया जाए।

और पढ़े  खटीमा: तुषार हत्याकांड...एनकाउंटर में एक आरोपी पकड़ा, पैर में लगी गोली, अन्य आरोपियों की तलाश जारी

Spread the love
  • Related Posts

    देहरादून- दादा ने लड़ी चीन के साथ लड़ाई, अब पोता बना लेफ्टिनेंट, परदादा भी कर चुके देश सेवा

    Spread the love

    Spread the loveकानपुर के एचएस रीन शनिवार को लेफ्टिनेंट बन गए। सैन्य अफसर बनने वाले वह अपने परिवार तीसरे अफसर और पांचवें फौजी हैं। उनके परदादा और दादा फौज में…


    Spread the love

    देहरादून- वर्दी वाला प्यार..मंगेतर कैप्टन, अब खुद लेफ्टिनेंट बने आयुष, दिलचस्प और प्रेरक है कहानी

    Spread the love

    Spread the loveभारतीय सैन्य अकादमी की 157वीं पासिंग आउट परेड सिर्फ नए अफसरों के कंधों पर सजी स्टार्स की कहानी नहीं थी, बल्कि इसमें कुछ रिश्तों की चमक भी शामिल…


    Spread the love