‘भगवान’ बैठे हड़ताल पर:- परेशान हो रहे मरीज, महिला डॉक्टर की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन

Spread the love

‘भगवान’ बैठे हड़ताल पर:- परेशान हो रहे मरीज, महिला डॉक्टर की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में डॉक्टर की हत्या के विरोध में आज दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। एम्स और आरएमएल में डॉक्टर हड़ताल पर बैठ गए हैं। सीनियर्स डॉक्टरों ने मोर्चा संभाला लिया है। दिल्ली में केंद्र सरकार के चार अस्पताल में 40 हजार से अधिक मरीज आते हैं। तो वहीं दिल्ली सरकार के 38 अस्पताल में 42 हजार से ज्यादा मरीज इलाज कराने आते हैं। इस सभी अस्पताल में हजार से ज्यादा डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं।

दिल्ली में एम्स, आरएमएल और एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठ गए हैं। एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि हमने नोटिस दिया। हम आज ओपीडी सेवा में शामिल नहीं होंगे। कोलकाता में हुई डॉक्टर की हत्या की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डॉक्टर हड़ताल पर बैठ गए हैं।

इन अस्पतालों में सेवाएं रहेंगी प्रभावित
सफदरजंग, डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (इबहास), मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज व संबंधित अस्पताल (लोकनायक व अन्य) सहित अन्य अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर सेवाएं नहीं देंगे।

आपातकालीन सेवाएं रहेंगी जारी
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि सिर्फ आपातकालीन सेवाएं मिलेंगी। ओपीडी, इलेक्टिव सर्जरी, वार्ड में सेवाएं, लैब में जांच सहित अन्य कार्यों में डॉक्टर मदद नहीं करेंगे। कोलकाता में जान गंवाने वाली डॉक्टर को न्याय दिलाने तक देशभर में सेवाएं प्रभावित रहेंगी।

और पढ़े  यूपीआई: आज से बदल गया UPI पेमेंट का तरीका, जान लें इस्तेमाल करने से पहले..

वहीं, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव डॉ. सर्वेश पांडे ने कहा कि जल्द न्याय मिलना चाहिए। घटना के खिलाफ देशभर के डॉक्टर एकजुट हैं। शनिवार को आरएमएल सहित दूसरे अस्पतालों के आरडीए ने कैंडल मार्च निकाला था। इस मामले में डॉक्टरों ने अधिकारियों से अपराधियों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, देशभर में डॉक्टरों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की मांग रखी है।

सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में रोजाना दिल्ली सहित आसपास के राज्यों से आने वाले 35 हजार से अधिक मरीज इलाज करवाते हैं। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के असहयोग के फैसले के बाद मरीजों को काफी परेशानी हो सकती है। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि इस दौरान सीनियर संकाय व अन्य इलाज करेंगे। जबकि डॉक्टरों का कहना है कि मुख्य रूप से रेजिडेंट डॉक्टर ही मरीजों का इलाज करते हैं। ऐसे में इनके असहयोग से मरीजों को काफी परेशानी हो सकती है।

ये हैं डॉक्टरों की मांग
डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टरों को सुरक्षित माहौल देने के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है। सफदरजंग अस्पताल में करीब दो हजार रेजिडेंट डॉक्टर हैं। यह सभी असहयोग में साथ देंगे। अक्सर देखा गया है कि ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों से मारपीट की घटना हो जाती है, लेकिन उन्हें कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल देने की व्यवस्था नहीं की जा रही है।


Spread the love
  • Related Posts

    फास्टैग- नितिन गडकरी का फास्टैग को लेकर बड़ा एलान,₹3 हजार का वार्षिक पास लाएगी सरकार, 15 अगस्त से होगा प्रभावी

    Spread the love

    Spread the love     केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने फास्टैग को लेकर बड़ा एलान किया है। उनके एलान से निजी वाहनों को खासतौर पर फायदा होगा। उन्होंने बुधवार को…


    Spread the love

    कोरोना: दिल्ली में कोरोना का कहर,कोरोना से 1 और मौत,अब तक संक्रमण से 13 की गई जान

    Spread the love

    Spread the love   कोरोना से दिल्ली में एक और मौत की खबर सामने आई है। 65 वर्षीय बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया है। बुजुर्ग मुंह के कैंसर और किडनी…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!