Budget 2023-24:उत्तराखंड को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से कुछ खास मिलने की आस।

Spread the love

Budget 2023-24:उत्तराखंड को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से कुछ खास मिलने की आस।

केंद्र सरकार के आम बजट पर उत्तराखंड की निगाह लगी है। बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट का पिटारा खोलेंगी। उनके पिटारे से उत्तराखंड सरीखे हिमालयी राज्यों को क्या मिलेगा, यह तभी पता चलेगा। फिलहाल, प्रदेश सरकार और राज्य के जनमानस की बजट से कई उम्मीदें हैं।
इस बार राज्य के वित्त विभाग की बजट पर पैनी निगाह रहेगी। विभागीय अधिकारी आम बजट की उन योजनाओं और वित्तीय प्रावधानों का विश्लेषण करेंगे, जो राज्य हित में होंगी। इससे उन्हें प्रदेश का बजट बनाने में सहूलियत होगी। ‘अमर उजाला’ ने उन मुद्दों की पड़ताल की जिनमें राज्य आम बजट में कुछ खास मिलने की उम्मीद कर रहा है।

1-जोशीमठ की आपदा ने राज्य में ऐसे संस्थान की जरूरत को और बढ़ा दिया है। सरकार इस संस्थान के लिए केंद्र से बजट चाहती है। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग इस संस्थान के लिए प्रयास कर रहा है।

2-
टनकपुर से बागेश्वर रेल लाइन का मामला कई दशकों से लंबित है। 154 किमी लंबी इस रेल लाइन का 2021 में सर्वे हो चुका है। इसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा प्राप्त है। डोईवाला से उत्तरकाशी रेल लाइन के सर्वेक्षण की एलाइनमेंट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। इस 102 किमी लंबी परियोजना पर 30 हजार करोड़ खर्च का अनुमान है। इन दोनों प्रोजेक्टों के लिए बजटीय प्रावधान की उम्मीद की जा रही है।

3. यह भी आस है कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय महत्व को ध्यान में रखते हुए हिमालयी राज्यों के लिए केंद्र सरकार किसी योजना की घोषणा करे। सीमांत इलाकों में वाइब्रेंट विलेज की तरह ही वाइब्रेंट टूरिज्म जैसी योजना का प्रावधान हो।

और पढ़े  कैंचीधाम स्थापना दिवस: 14 और 15 जून को इस तरह होगा श्रद्धालुओं का आगमन,इन वाहनों की नो एंट्री... कहां होगी पार्किंग? जानें सबकुछ

4-उत्तराखंड के लिए इन चार प्रमुख सेक्टर का खास महत्व है। बजट में इन चारों क्षेत्रों के लिए विशेष बजट के प्रावधान की भी उम्मीद की जा रही है।

5. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि बजट में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के स्तर पर कोई ऐसी योजना शुरू हो, जिसमें जमरानी व सौंग बांध जैसी बड़ी परियोजनाओं की फंडिंग की राह और आसान हो जाए।
ये प्रमुख उम्मीदें भी

1. 15वें वित्त आयोग के तहत मिल रहे अनुदान की राशि साल दर साल कम हो रही है, इसलिए राज्य सरकार की अपेक्षा है कि केंद्र विशेष सहायता योजना में सरकार धनराशि का आवंटन बढ़ाए।
2. जीएसटी की प्रतिपूर्ति बंद होने से राज्य को सालाना पांच हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। इसकी भरपाई के लिए सरकार जीएसटी की तर्ज पर राज्यों से वसूले जाने वाले सेस में राज्य को हिस्सा दे।
3. पर्यावरणीय सेवाएं दे रहे हिमालयी राज्यों को ग्रीन बोनस दिया जाए, ये उम्मीद भी की जा रही है।
4. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के उन कार्यों के लिए बजटीय प्रावधान हो, जो पूरे नहीं हो पाए हैं।


Spread the love
  • Related Posts

    नैनीताल: मॉर्निंग वॉक पर गए युवक की संदिग्ध अवस्था में मौत,पुलिस जांच में जुटी 

    Spread the love

    Spread the love   नैनीताल तल्लीताल निवासी एक युवक की मॉर्निंग वॉक के दौरान संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के…


    Spread the love

    उत्तराखंड: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दून भ्रमण, तैयरियों में लगा विभाग, कार्यक्रम स्थल पर जांच के बाद ही प्रवेश

    Spread the love

    Spread the love     राष्ट्रपति के दून में भ्रमण को लेकर पुलिस लाइन में अपर पुलिस महानिदेशक ने सुरक्षा ड्यूटी में नियुक्त पुलिस बल को ब्रीफ किया। उन्होंने निर्देश…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!