उत्तराखंड / चमोली : 2013 के आपदा प्रभवितों का दर्द 8 साल बाद भी नहीं भरा

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यह दुखद खबर चमोली जिले से है।दशोली ब्लॉक के गोलीम गांव के बाजपुर में 2013 में भीषण आपदा के दौरान 8 से 10 परिवार बेघर हो गए थे जिसके बाद प्रशासन की तरफ से उन्हें प्राइमरी स्कूल कैलाशपुर में अस्थाई व्यवस्था हेतु ठहराया गया था लेकिन वर्तमान समय तक उन्हें न तो आपदा मद से किसी तरह की मदद मिल पाई है और न ही उनके लिए स्थाई व्यवस्था का इंतजाम आज हो पाया है

2013 की प्रलय को शायद ही कोई भूल पाया हो बहुत सारे लोगों ने अपनों को खोया और कई लोगों का तो आज तक भी पता नहीं चल पाया लेकिन इस दौरान कई ऐसे लोग थे जो अपनों के साथ तो थे लेकिन इस आपदा के दौरान बेघर हो गए थे। प्रशासन द्वारा आपातकालीन व्यवस्था हेतु इस तरह के आपदा प्रभावितों को पंचायत घरों और सरकारी स्कूलों में रहने की व्यवस्था की गई थी लेकिन आपदा के 7 साल बाद भी इन आपदा प्रभावितों के सामने अपने आशियानों को लेकर एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

आज हम बात कर रहे हैं चमोली जिले के गोलीम गांव के बाजपुर के कुछ परिवारों की जहां पर प्राइमरी स्कूल कैलाशपुर में बाजपुर के 4 परिवारों को 2013 में आपदा के दौरान प्रशासन की तरफ से रहने के लिए जगह दी गई थी आपदा के 7 सालों बाद भी प्रभावितों को किसी भी तरह की स्थाई व्यवस्था का प्रावधान नहीं किया गया जिसके चलते आज भी आपदा प्रभावितों के आंसू इस कदर बह रहे हैं कि वह अपने घर आंगन में रहने की उम्मीद खोते जा रहे हैं।

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आपदा प्रभावित इंदु देवी और दीपा देवी का कहना है कि लंबे समय से शासन और प्रशासन के सामने वह अपनी समस्या को लेकर बार-बार जाते रहे हैं लेकिन जिलाधिकारी चमोली और चमोली के विधायकों द्वारा उन्हें हमेशा ही यही बताया जाता है कि सरकार के स्तर पर उनका निर्णय होना है जो वर्तमान समय तक किसी भी समाधान तक नहीं पहुंचा है आपदा प्रभावितों का कहना है कि उनके सामने सबसे बड़ी विडंबना यह है कि उनकी अपनी जमीन नहीं है जिस कारण से अगर वह कहीं पर प्रशासन की तरफ से मदद की गुहार लगा रहे हैं तो उनके सामने यह सबसे बड़ी तकनीकी समस्या खड़ी हो रही है।ग्राम पंचायत और विकासखंड भी उनके लिए किसी मदद के लिए आगे नहीं आ पा रहा है क्योंकि वे सभी लोग भूमिहीन हैं ऐसे में अब उनके सामने कोई भी उम्मीद नहीं बची है ।

हालांकि प्रशासन की तरफ से उप जिलाधिकारी चमोली अभिनव शाह ने बताया कि मामले की जानकारी को गंभीरता से लिया गया है और इस पर जो भी कार्यवाही होगी उसको शासन स्तर पर भेज दिया जाएगा


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