कोरोना ने छिना पिता का रोजगार, नहीं मानी हार, तो बच्चों ने उठाया घर का खर्चा

Spread the love

कोरोना महामारी ने घरों की दीपक ही नहीं बल्कि गरीबों के चूल्हे भी बुझा दिए। मेहनत-मजदूरी कर बच्चों का पालन करने वाले परिवार कोविड की बीमारी नहीं, बल्कि पेट की आग बुझाने के लिए भी जूझ रहे हैं। गरीब गुरबत में जीवन यापन करने वाले वीरू के परिवार ने भूख से लड़ने के बाद भी विषम परिस्थितियों में हार नहीं मानी। परिवार लिफाफे बना रहा है। वीरू के मासूम बेटी और बेटा बाजार में लिफाफे बेचकर दो वक्त का राशन जुटा रहे हैं।
कोरोनाकाल ने हर किसी को झकझोर दिया है। व्यापार चौपट है। हर घर में कोई न कोई बीमार है। स्ट्रीट वेंडर से लेकर दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले परिवार बीमारी के साथ भूख से लड़ रहे हैं। कोविड कर्फ्यू में कामधंधा नहीं मिलने से परिवारों के चूल्हे बुझ गए हैं।
ज्वालापुर के वीरू का परिवार भी संकट की घड़ी से गुजर रहा है। वीरू दिहाड़ी मजदूर है। कर्फ्यू के बाद से काम नहीं मिल रहा है। परिवार में पत्नी के अलावा छह बच्चे हैं। कई दिनों तक परिवार ने भूख से जंग लड़ने के बाद भी हार नहीं मानी।
भाई-बहन थैले में लिफाफे का गड्डियां लेकर पैदल घूमकर लिफाफे बेच रहे हैं। वंशिका बताती है, तीस रुपये में एक गड्डी बेचते हैं। मेडिकल स्टोर वाले ही खरीद रहे हैं। बाकी दुकानें कम खुल रही हैं, इसमें भी खरीदने को तैयार नहीं हैं।

वंशिका बताती है, पूरे दिन घूमने पर दो सौ रुपये तक के लिफाफे बिक जाते हैं। इसी से राशन खरीदते हैं। कई दिन 100 रुपये की भी बिक्री नहीं होती है और एक वक्त का खाना खाकर गुजारा करते हैं। वंशिका बताती है पिता को काम नहीं मिला तो कई दिन भूखे सोए।

और पढ़े  विजिलेंस ने मंडी समिति का प्रभारी सचिव को 1.20 लाख की रिश्वत लेते दबोचा, लाइसेंस नवीनीकरण के नाम पर मांगी थी घूस

इसके बाद ही मां फातमा ने लिफाफे बनाने शुरू किए। मां के साथ लिफाफे बनाने में रात को वो भी मदद करते हैं। पिता वीरू मजदूरी की तलाश में दिन में उधर-उधर भटकते हैं और रात में लिफाफे बनाने में मदद करते हैं। वंशिका बताती है कर्फ्यू में कबाड़ियों की दुकानें बंद होने से लिफाफे बनाने के लिए रद्दी भी बमुश्किल मिल रही है। कई लोगों से रद्दी मांग रहे हैं। वंश स्कूल स्कूल नहीं जाता है, जबकि वंशिका सरकारी स्कूल में 5वीं में पढ़ती है।


Spread the love
  • Related Posts

    उत्तराखंड पंचायत चुनाव: 2 बजे तक 41.95 प्रतिशत मतदान हुआ, मतदान जारी..

    Spread the love

    Spread the love  उत्तराखंड के 49 विकासखंडों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में 68% मतदान हुआ। आज प्रदेश में दूसरे चरण के लिए मतदान हो रहा है। 14751 प्रत्याशी…


    Spread the love

    देहरादून- धर्मांतरण के कानून को और सख़्त करेगी राज्य की धामी सरकार, पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित होगी एसआईटी

    Spread the love

    Spread the love     धर्मांतरण के कानून को धामी सरकार और सख्त बनाएगी। सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सीमांत…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *